वोह कहते हैं की हम खुश नज़र आने लगे हैं आज कल,
किसी की मोहब्बत में पड़े हैं या किसी के गम से उभरें हैं...
हम भी मुस्कुरा देते हैं और कहते हैं उन्हें की
किसी और में नही ये बात की हमें बदल दे वोह तो हम ही बहुत दिनों बाद ख़ुद से मिले हैं...
वोह कहते हैं की बदले हुए से मिजाज़ नज़र आते हैं आपके
क्या कुछ मिल गया है जन्नत से जनाब को
हम भी शोखी से कह जाते हिं ऐसे में,
जन्नत हमारे दम से है हम जन्नत के मोहताज नही...
किसी की मोहब्बत में पड़े हैं या किसी के गम से उभरें हैं...
हम भी मुस्कुरा देते हैं और कहते हैं उन्हें की
किसी और में नही ये बात की हमें बदल दे वोह तो हम ही बहुत दिनों बाद ख़ुद से मिले हैं...
वोह कहते हैं की बदले हुए से मिजाज़ नज़र आते हैं आपके
क्या कुछ मिल गया है जन्नत से जनाब को
हम भी शोखी से कह जाते हिं ऐसे में,
जन्नत हमारे दम से है हम जन्नत के मोहताज नही...
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